प्रेगनेंसी के 7 शुरुआती लक्षण, घर से पता करें

प्रेगनेंसी के 7 शुरुआती लक्षण, घर से पता करें

 

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण – हर स्त्री के लिए गर्भवती होना एक अद्भुत एहसास होता हैं। एक महिला के लिए सबसे बड़ा खुशी का पल होता है, जब वह माँ बनती है। महिलाओं में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में उनके शरीर के अंदर क्या-क्या बदलाव आते है, आज हम इसी बारें में बात करने वाले है।


प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव देखने को मिलते है। जैसे की, पीरियड्स मिस होना, उल्टी आना, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव, जी मिचलाना, शरीर में थकान होना और बार-बार पेसाब आना और भी अन्य प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते है।

 

ध्यान दें की, ये सभी लक्षण केवल प्रेगनेंसी से ही नहीं किसी समस्या जैसे चिंता-तनाव या और भी बिमारी के कारण यह लक्षण दिख सकते है। यदि आपको पूर्ण रुप से संतुष्ट होना है तो आप घर पर ही प्रेगनेंसी किट लाकर टेस्ट कर सकते हैं या अपने डॉक्टर से संपर्क जरुर करें।

 

लेकिन आज हम आपको कुछ प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण बताने वाला है. जिसको जनाने के बाद आप आसानी से अपने प्रेग्नेंसी का अनुमान लगा सकती है। तो चलिए जानते है प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण , प्रेग्नेंट होने के लक्षण क्या होते है।


प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण


विषय सूची – Table Content


प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण - Pregnancy symptoms in Hindi

पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं 

पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण 

गर्भ ठहरने के बाद कितने दिन बाद पता चलता है 

प्रेगनेंट होने के लक्षण 

 

पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण – Pregnancy symptoms in Hindi

कुछ स्त्रीयों को अपनी प्रेग्नेंसी के पहले कुछ सप्ताह में ही पता हो जाता है की, वह गर्भवती हो चूकीं है। वहीं कुछ महिलाओं को तब पता चलता है जब उनका पीरियड मिस हो जाता है।

 

प्रेगनेंसी के 7 शुरुआती लक्षण  - Pregnancy symptoms in Hindi

 

1. पीरियड्स मिस

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में सबसे पहले पीरियड्स का मिस हाना चालू होता है। लेकिन कई महिलाओं में प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में पीरियड्स मिस होने के स्थान पर हल्का पीरियड्स आ सकते हैं। यानि की इस समय ब्लीडिंग होने की मात्रा बहुत कम होता हैं।

 

कई बार स्त्रीयों में टाइम पर पीरियड न आने के और भी कारण हो सकते हैं, जैसे तनाव – चितां, शारीरिक कमजोरी या शरीर में हार्मोंनस असंतुलन होना आदि वजह हो सकतें है।

  

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2. स्तनों और निप्पल्स में बदलाव आना

महिलाओं के गर्भवती होने पर 2 या 3 सप्ताह के बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण आपके स्तनों में भारीपन, सूजन या हल्का दर्द आदि महसूस हो सकती है। इसके साथ ब्रेस्ट में निप्पल के पास का हिस्सा गहरे रंग के और बड़े हो सकते है।

 

प्रेगनेंसी के समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्ररॉन का लेवल बढ़ने के वजह से महिलाओं के ब्रेस्ट में दर्द और सूजन हो सकता है।

 

3. पेशाब लगना जल्दी-जल्दी

महिलाओं के गर्भवती होने के दौरान उनके शरीर में कई बदलाव होता है, बच्चा कंसीव के वक्त बॉडी में कई अंग जैसे किडनी की कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होता है। गर्भाशय में पल रहे बच्चे की कारण से ब्लैडर पर दबाव पडता है जिससे जल्दी-जल्दी पेशाब आता है। यह भी एक प्रकार की प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण ( Pregnancy ke lakshan ) में से एक हो सकता है।

 

4.  प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण – सिर चकराना

गर्भावस्था के शुरुआती दौर में सिर चकराना या सिर में दर्द होना समान्य है। शरीर में रक्तचाप में उतार-चढ़ाव और हार्मोनल बदलाव के कारण इस तरह की समस्या होती है।

 

यह प्रेगनेंसी के पहले ट्रायमेस्टर से लेकर 6 वें सप्ताह तक चक्कर महसूस हो सकता है। यदि आपको जल्दी-जल्दी चक्कर आ रहे है या बेहोशी जैसी समस्या हो रही है तो आप डॉक्टर की सलाह जरुर लें।


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5. वजाइना से रक्तस्राव  और ऐंठन होना

यदि आपका पीरियड शुरु होने से पहले हल्का रक्त स्रावित हो तो यह प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते है। क्योकी, इस समय फर्टिलाइज अंडा गर्भाशय की परत से मिल जाता है। इसे इमप्लंटेशन बोला जाता है इसमें हल्का रक्तस्राव और बेचैनी हो सकती है।

 

गर्भावस्था के शुरुआत में स्त्रीयों के शरीर में ऐंठन की लक्षण हो सकते है और यह रक्त का बहाव होने के वजह से हो सकता है। हालाकी, कुछ महिलाओं में सामान्य पीरियड के कुछ टाइम पहले इस तरह की ऐंठन हो सकती है।

 

6. मन पंछाना (मिचलाना) मॉर्निग सिक्नेस

अधिक्तर महिलाओं में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में मॉर्निग सिकनेस की समस्या उत्पन्न होती है। पूरे दिन खास कर सुबह के समय जी मिचलाना और उल्टी होने कि संभावना होती है।

 

जी मिचलाना और उल्टी होने की दिक्कत प्रेगनेंसी के 4 से 6 सप्ताह से लेकर 12 सप्ताह तक सहसूस होती है। अधिक समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह जरुर लें।

 

7. मूड स्वींग होना – प्रेगनेंट होने के लक्षण

कंसीव करने के बाद महिलाओं के शरीर में अधिक मात्रा में हार्मोन्स का उतार-चाढ़ाव और बदलाव होने के कारण उनके मूड बदलाव असर होता है। जिससे प्रेगनेंट होने के शरुआती दिनो में महिलाओ को छोटी-छोटी बातो पर नाराज या खुशी महसूस हो सकती है।

 

इसके महिला गर्भवती के समय समान्य से अधिक तनाव या चिंतित फिल करें, बात-बात चिड़चिड़ापन भी हो सकती है। लेकिन जैसे ही महिलाओ के शरीर में हार्मोन्स का स्तर बैलेंस होता है, मूड स्विंग्स की समस्या दूर हो जाती है।

 

8. थकान और पेट में हल्का दर्द महसूस होना

महिलाएं गर्भधारण करने के बाद बहुत ही ज्यादा कमजोरी और थकान महसूस करती हैं। यह पहले ट्रायमेस्टर और दूसरे ट्रायमेस्टर तक इस तरह की परेशानी महसूस हो सकती है।

 

पेट में हल्का दर्द – pregnancy hone ke lakshan

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण में कुछ स्त्रीयों को गर्भाशय में हल्का दर्द महसूस हो सकता है। शरीर में हार्मोन बदलाव होने पर दस्त, कब्ज और हल्का पेट में दर्द की शिकायत हो सकता है।


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प्रेगनेंसी टेस्ट घर पर कैसे करें – How to test pregnancy at home in hindi

 

1. प्रेगनेंसी किट – How to Pregnancy test kit Use

पीरियड्स मिस होने पर 5 से 10 दिनों में आप प्रेगनेंसी किट के माध्यम से टेस्ट कर सकती है। घर पर टेस्ट करने के लिए सबसे प्रथम अपने यूरिन का इस्तेमाल कर पता कर सकते है। अगर प्रेगनेंसी टेस्ट करने पर पॉजिटिव आता है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

 

2. ब्लड टेस्ट - Blood test Pregnancy symptoms in Hindi

ब्लड टेस्ट के जरिए आप प्रेगनेंसी कंफर्म कर सकते है और यह युरीन टेस्ट से अधिक विश्वसनीय है। ब्लड टेस्ट को आप घर पर नहीं कर सकते है। इसको ओवुलेशन के 6 से 8 दिनों के बाद अपने प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण को कंफर्म कर सकते हैं। प्रेगनेंसी किट की अपेक्षा में ब्लड टेस्ट का परिणाम मिलने में टाइम लग सकता हैं।

 

प्रेगनेंट होने के मासिक लक्षण  या प्रेग्नेंट होने के लक्षण फर्स्ट वीक

औरतों में प्रेगनेंसी के दौरान हर महीने में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते है, जिसको जानना बहुत जरुर है। तो चलिए जनाते है हर महीनें में दिखने वाले प्रेगनेंट होने के लक्षण के बारे में।

 

पहले महीने के शुरुआती लक्षण - उल्टी शारीरिक थकान, स्तनों में हल्का दर्द सूजन यह होते है प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण ।

 

दूसरे महीने के लक्षण - मूड में बदलाव आना जैसे चिड़चिडापन, खाना-पान में भी बदलाव।

 

तीसरे महीने के लक्षण - पेट फूलना, वजन बढ़ना और शारीरक बदलाव आना।

 

चौथे महीने के लक्षण - चेहरे में निखार और बच्चे (बेबी) की हलचल महसूस होना।

 

पांचवें महीने के लक्षण - पेट में बच्चे की एक्टीवीटी और तेज होगी, शरीर में ज्यादा थकान महसूस होगा।

 

छठवें महीने के लक्षण - थोड़ी दूर चलने में थकान और सांस फूलना और शरीर के आकार में बदलाव के कारण गुर्दे में दर्द होता है।

 

सातवें महीने के लक्षण - शरीर के कई अंगों में जैसे हाथ, पैर और फेस पर सूजन दिखाई देगा, और पेट में लेबर पेन जैसा दर्द हो सकता है।

 

आठवें महीने के लक्षण - पेट में बच्चे की बढ़ती हलचल के साथ महीलाओं को अपने स्वास्थ का बहुत ध्यान देना चाहिए और इस महिने में अपने डॉक्टर से निरंतर जांच करवाते रहना चाहिए।

 

नौवें महीने के लक्षण - इस समय महिलाओं को अधिक लेबर पेन होता है, पेट और कमर में दर्द होता है। इसके अलावां स्त्री के नली से पानी निकलता है और यह बच्चे (बेबी) के जन्म का समय है।

 

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पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं

प्रेगनेंट होने के लक्षण अधिक्तर पीरियड के टाइम के आस-पास या उससे 2 से 3 सप्ताह पहले या उसके बाद में दिखाई दे सकता हैं। यह प्रेग्नेंट होने के लक्षण फर्स्ट वीक है।

 

निष्कर्ष –

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के बारे में आपको इस पोस्ट में जानकारी दी गई है, प्रेगनेंसी टेस्ट कराना सबसे अच्छा उपाय है की, आप प्रेगनेंट है या नहीं। यदि आपका पीरियड कुछ समय से रुका हुआ है तो आप प्रेगनेंसी किट से टेस्ट कर पता कर सकती है।

 

नोट –

दोस्तो इस आर्टिकल में बताई गई बाते केवल आपके जानकारी के लिए है। हमारे माध्यम से किसी भी बातों का पूर्ण से समर्थन नहीं है। कृपया अपने स्वास्थ से जुडी समस्या के बारें में अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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