Top 7 बवासीर के मस्से सुखाने के 100% कारगर उपाय
बवासीर के मस्से सुखाने के
उपाय – बवासीर piles के लक्षण आजकल कई
पुरुषों ओर महिलाओं में देखने को मिल रहीं है। बवासीर खराब खान-पान और गंदा
जीवनशैली के कारण होता है, जो की अत्यधिक दर्दनाक होता है।
बवासीर की समस्या होने के बाद
लोगों को बैठने उठने में काफी तकलिफ होती है। जिन पुरुष या महिला को खूनी बवासीर
होता है उन्हें मल का त्याग करते समय उनके गुदा द्वार से खून निकलता है।
दोस्तों बवासीर की समस्या हर
व्यक्ति में अलग-अलग देखने को मिलती है, कई लोगों में खूनी बवासीर होता है, तो कुछ
लोगों में मस्से वाला बवासीर और कुछ व्यक्ति को बादी बवासीर होता है।
मस्से वाला बवासीर व्यक्ति के
गुदा के द्वार पर मस्से निकल आता है, जो बहुत पीड़ादायक होता है और कई बार तो रक्त
भी निकलता है। बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय व इससे छुटकारा पाने के लिए
लोग कई तरह के उपाय इंटरनेट पर ढ़ूंढते रहते है।
बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय |
ऐसे में यदि किसी को मस्से
वाला बवासीर है तो उसे सर्वप्रथम अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। फिर डॉक्टर की
देख-रेख में कुछ प्राकृतिक बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय की सहायता से इस
परेशानी से छुटकारा पा सकते है।
तो आज हम इस लेख में बवासीर
के लक्षण और बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय क्या-क्या है उसके विषय में संम्पूर्ण
जानकारी देने वाला हूं। तो इसे पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें, चलिए जानते है। piles meaning in hindi
विषय सूची - Table Content
बवासीर क्या होता है?
बवासीर किन कारणों से होता है?
बवासीर होने के कुछ वजह?
बवासीर के लक्षण -
bawasir ke lakshan in hindi
बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय
आयुर्वेदिक
बवासीर में त्रिफला चूर्ण के फायदे
बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए?
बवासीर में क्या खाना चाहिए?
बवासीर क्या होता है? - Bawasir ke lakshan in hindi
बवासीर हर किसी में जन्म से
मौजूद होता है, और इससे कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती है, जब तक उनमें सूजन या फिर
विकास ना हों. बवासीर को पाइल्स भी कहते है, सूजे हुई, बढ़े हुई नसें होती है जो
मलाशय के भीतर और बाहर निकलता है। बवासीर वास्तव में बहुत दर्दनाक और असहनीय हो
सकता है
बवासीर किन कारणों से होता
है? Bawasir ke lakshan in hindi
आज 4 में से हर 3 व्यक्ति
बवासीर की परेशानी से जूझ रहा है। बवासीर गुदा द्वार की नसों पर ज्यादा दबाव,
पुरानी कब्ज, गर्भवास्था में और टाईट दस्त के कारण या मसालेदार भोजन का सेवन करने
से हो सकता है।
बवासीर होने के कुछ वजह - piles meaning in hindi
खराब खान पान के कारण।
गुदा मैथुन यानी एनल सेक्स
कारण भी हो सकता है।
अधिक समय तक कब्ज या दस्त की
समस्या।
देर तक टॉयलेट सीट पर बैठना।
शरीर में फाइबर की मात्रा कम
होना या फाइबर से युक्त खाना कम खाना।
वजन बढ़ने से वजह से पेल्विक
पर दबाव, अधिक्तर यह महिला के गर्भवास्था के समय हो सकता है।
मल त्याग करने के दौरान
ज्यादा तनाव।
बार-बार अधिक वजन उठाना।
कई लोगों में उम्र बढ़ने के
साथ यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
बवासीर के लक्षण - bawasir ke lakshan in hindi
यदि आप बवासीर से पीडित है तो
निम्न प्रकार के लक्षण व संकेत दिखाई दे सकता हैं, बवासीर के लक्षण इस पर निर्भर
करता है की, पाल्स किस तरह का है। बाहरी है या आंतरिक है।
बाहरी - bawasir ke lakshan in hindi -
खून निकलता है।
गुदा द्वार के आस-पास सूजन हो
सकती है।
गुदा के पास कठोर गांठ जो
पीड़ादायक हो सकता है।
मल द्वार में खुजली या जलन
फिल हो सकता है।
गुदा में जलन और बैठने पर
दर्द का एहसास होना।
आतंरिक - bawasir ke lakshan in hindi
इस तरह का बवासीर मलाशय में
होता है।
यह देखाई नहीं पड़ता है।
इस आतंरिक बवासीर में पीड़ित
व्यक्ति को मल त्याग करते समय खून निकल सकता है।
मसालेदार खाना खाने से अधिक समस्या हो सकती है, इत्यादि।
बवासीर के मस्से सुखाने के
उपाय आयुर्वेदिक – Remedies to dry piles warts
in hindi
हमारे आयुर्वेद में अधिक्तर
सभी तरह की शारीरिक बिमारीयों की औषधि मौजूद है। उन्हीं रोगों में से एक बवासीर के
इलाज के लिए आयुर्वेद में कई हर्बल औषधि मिलता है। जो गुदा के सूजन को कम करे,
बवासीर के दर्द से छुटकारा दिला सकता है। बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय में इस्तेमाल की
जाने वाली कुछ आयुर्वेदिक दवा इस प्रकार है।
1. बवासीर में त्रिफला चूर्ण के फायदे
त्रिफला चूर्ण को आंवला, हरड़
और बहेड़ा इन तीनो के फलों से तैयार किया गया एक बहुत गुणकारी औषधि है। त्रिफला
में आंवला, बहेड़ा, विटामिन सी और एमिनों एसिड के अलावां कई विटामिन और मिनरल्स का
भंडार होता है।
इसका नियमित रुप से सेवन करने
से पाचन तंत्र मजबूत होता है। बहेड़ा के गुण शरीर में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण
के रोक थाम के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।
इसमें उपस्थित हरड़ में एंटी इंफ्लामेटरी व एंटी ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। जो बवासीर के सूजन को कम करता है और खून को रोकने में बहुत फायदेमंद है। यह बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का कारगर उपाय है।
बवासीर में त्रिफला चूर्ण का सेवन कैसे करें?
रात को सोने से पहले 1 चम्मच
त्रिफला चूर्ण को 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ सेवन कर सकते है। इससे मल त्याग
करने में आसानी मिल सकती है।
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2. एलोवेरा - बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय
आयुर्वेद में एलोवेरा को ऑल
इन वन औषधि को रुप में जाना जाता है। क्योंकि एलोवेरा का इस्तेमाल कई प्रकार की
बिमारीयों का इलाज के लिए किया जाता है। बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के शोध में पाया
गया है की, एलोवेरा में इंफ्लामेटरी के साथ अन्य गुण होते है जो घावों को ठीक करने
में सहायता करता है।
एलोवेरा को गुदा पर इस्तेमाल
से बवासीर की वजह से होने वाली जलन, खुजली, सुजन को कम कर और रक्तस्राव को रोकता
है। यह बवासीर के मस्से खुखाने के उपाय प्रभावी है।
बवासीर में एलोवेरा जेल का उपयोग
महिला हो या पुरुष दोनों के
बवासीर लिए ताजा निचोड़ा हुआ एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित जगह पर लगाने से जलन,
दर्द और सूजन कम करने में फायदेमंद होता है।
खूनी बवासीर और दर्द से
छुटकारा पाने के लिए आप एलोवेरा जूस का सेवन कर सकते है। एलोवेरा का जूस
पीने से दर्द और रक्तस्राव को दूर कर बवासीर को भी जड़ से दूर कर सकता हैं।
आपको एलोवेरा के ताजे पत्ते
का गुदा निकालकर फिर इसे मिक्सर में पीसकर जूस तैयार कर लेना है। फिर नियमित रुप
से सुबह-सुबह इसका सेवन करें।
3. विच हेजल बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय
विच हेज़ल की पत्तियां और छाल
बवासीर के मस्से को सिकोड़ने के लिए लाभकारी माना जाता है, विच हेज़ल में सूजन
रोधी और कसैला प्रकृति का होता है। जो मस्से और खूनी बवासीर के लिए उपयोगी हो सकता
है।
विच हेज़ल बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय
विच हेज़ल में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण होता है। जिसको चोट लगने पर भी इस्तेमाल में लिया जाता है। शुध्द विच हेज़ल को कॉटन बॉल में थोड़ी सी मात्रा लेकर बवासीर के स्थान पर थपथपाने से कई तरह से लक्षणों से राहत मिल सकती है।
विच हेज़ल बाहरी मस्से या
बवासीर को सिकोड़ने में मदद करता है।
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4. आम की गुठली खूनी बवासीर का रामबाण इलाज
दोस्तों बवासीर में खून
निकलाना आम बात है, लेकिन आपको इसको हल्के में नहीं लेना चाहिएं। आपको बता दूं की,
आम खाने के बाद जिस गुठली को हम बेकार समझ कर फेक देतें है, वो बवासीर का सबसे
बढ़िया आयुर्वेदिक और रामबाण इलाज है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक के
अनुसार आम की गुठली में सभी आवश्यक पोषक तत्व और गुण मौजूद होते है। जो पेट के
कीड़े, वाइट डिस्चार्ज, डायरिया और बवासीर ( piles ) जैसे रोगों के रोकथाम के लिए फायदेमंद माना जाता है।
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज और उपयोग
बवासीर के रोकथाम के लिए आम
की गुठली सबसे अच्छा आयुर्वेदिक औषधि है, बवासीर में रक्त रोकने के लिए रोजाना 1
चम्मच आम की गुठली का चूर्ण छाछ के साथ दिन में 2 बार सेवन कर सकते है। piles meaning in hindi
आम की गुठली का पाउडर बनाने की विधि
सबसे पहले आम की गुठली को 2
दिनों के लिए धूप में सुखा लें।
फिर इसके ऊपर से सख्त परत को
हटा लें।
इसके बाद अंदर के बीजों को 5
से 6 दिनों तर धूप में सुखाएं।
सूखने के बाद इसको किसी भी
तरह के नमी या तरल पदार्थ से दूर रखें।
फिर इसें पीसकर बारीक पाउडर
बना लें।
यह आयुर्वेदिक उपाय खुनी बवासीर
को सुखाने में मदद करता है।
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5. जामुन Blueberry – बवासीर
के मस्से सुखाने के उपाय
बाजारों में मिलने वाला जामुन
के फल में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट. फेनोलिक्स, फ्लेवोनोइड्स, कई विटामिन और
कैरोटीनॉयड मौजूद होते है। जो शरीर के सेहत के लिए लाभदायक है।
जामुन के पेड़ की पत्तियां कसैली होती है जो बाहरी बवासीर के लिए लाभकारी हो सकती है। जामुन के ताजा पत्तों को पिस कर पेस्ट तैयार कर लें और फिर इसे बाहरी प्रभावित स्थान पर लगा सकते है। जो घांवों को तेजी से भरने में सहायता करता है और बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय है।
जामुन के फल को भी खा सकते है।
जामुन के फल को सेवन करने से बवासीर के वजह से मल द्वार से निकलने वाले खून को रोक
सकते है।
6. नारियल जटा और नारियल का तेल
नारियल का तेल
बवासीर के समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, यह एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है। नारियल ऑयल को एनल मे लगाने से सूजन व जलन कम होता है। बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय है।
नारियल की जटाओं
बवासीर में नारियल की जटाओं
को आग में जलाकर इसके राख को शुध्द ताजे छाछ में डालकर सुबह खाली पेट नियमित सेवन
करने से बवासीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।
7. पाचन क्रिया को बेहतर करें – Bawasir ke lakshan in hindi piles
यदि आपको बवासीर को जड़ से
खत्म करना है तो, अपने पाचन शक्ति में सुधार करें। रोज के आहार में प्रीबायोटिक्स
और प्रोबायोटिक्स यानी खाने में फाइबर युक्त भोजन ज्यादा सेवन करें।
जिससे आपके आंतों में गुड़
बैक्टीरिया की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, कब्ज व गैस की समस्या दूर होगी और पाचन
क्रिया में तेजी से सुधार होगा। मलत्याग करने में सरलता होगी, धीरे-धीरे मस्से भी
समाप्त होने लगेगें।
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8. गर्म पानी में बैठें – बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय
बवासीर की समस्या से जूझ रहे
लोगों के लिए घरेलू उपाय टब में गुनगुना गर्म पानी डालकर उसमें बैठने से सूजन एव जलन
कम करता है। यह मस्सा सुखाने का यह प्रभावी इलाज है।
दोस्तों डॉक्टर से द्वार पानी
में डालने के लिए एक घोल दिया जाता है जिसको पानी में मिक्स कर उसमें बैठने से
बवासीर के मस्से जल्दी सुखने लगते हैं।
नोंट – मित्रों ऊपर बताये गएं किसी भी उपाय का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यदि बवासीर की समस्या ज्यादा बढ़ गयी है तो तुरंत आपने डॉक्टर से संपर्क जरुर करें।
बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए?
बवासीर को ठीक जड़ से खत्म करने
के लिए सबसे पहले आपने गंदी जीवन शैली और खराब भोजन को छोडना पड़ेगा। जिसके कारण
कई बिमारियां शरीर में जन्म लेती हैं। बवासीर भी उन्हीं बिमारीयों में से एक है।
बवासीर में खाने का परहेज?
बवासीर के रोगी को मिर्च का
सेवन नहीं करना चाहिए, चाहे हरी मिर्च हो या लाल मिर्च। इसके सेवन से जलन और दर्द
दोनों बढ़ जाता है।
चाय एव कॉफ़ी बिलकुल नहीं
पिना चाहिए।
मछली एव अंडे खाने से बचना
चाहिए।
बहुत ज्यादा ऑयली और मसालेदार
भोजन को खाने से बचना चाहिए।
पाइल्स के समस्या होने पर
फास्ट फूड खाने से परहेज करें।
हमेशा हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
बवासीर में क्या खाना चाहिए?
यदि बवासीर अभी शुरुआती चरण
में है तो आप बिना ऑपरेशन के ठीक कर सकते हैं। बस अपने डाइट प्लाऩ में थोड़ा बदलाव
करना पडेगा। इन चीजों का सेवन करें।
फल का जरुर सेवन करें।
दलिया
जूस
कच्चा सलाद
हरी सब्जियां
साबुत अनाज खाएं
दाल छिलके वाली इत्यादि।
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निष्कर्ष –
दोस्तों मैनें इस पोस्ट में बवासीर
के मस्से सुखाने के उपाय , Bawasir ke
lakshan in hindi piles , बवासीर के लक्षण , piles meaning in hindi के बारे में संपूर्ण
जानकारी दी है। यदि आपको कोई भी सवाल या सुझाव हो तो कमेंट में जरुर बताएं।
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