सूर्य नमस्कार के फायदें - Surya Namaskar Benefits in Hindi

सूर्य नमस्कार के फायदें - Surya Namaskar Benefits in Hindi

सूर्य नमस्कार  के फायदे - surya namaskar ke fayde योगा हमारे जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं| इसी योगासन में सूर्य नमस्कार हमारे स्वस्थ के लिए बहुत ही लाभदायक हैं, तो आज हम आपको सूर्य नमस्कार  के फायदे के बारे में कुछ जानकारी देने वाला हूँ।

सूर्य नमस्कार का अर्थ सूर्य देवता को अर्पन या नमस्कार करना| प्रतिदिन सुबह सूर्य नमस्कार करने से ब्रह्मांड से शारीर को उर्जा मिलती हैं।



सूर्य नमस्कार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं| इस योग को करते समय सूर्य की किरणों का सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ने से कई रोगों का नास होता हैं|
सूर्य नमस्कार के फायदें - Surya Namaskar Benefits in Hindi
सूर्य नमस्कार के फायदें - Surya Namaskar Benefits in Hindi


सूर्य नमस्कार क्या होता हैं (Meaning Surya Namaskar)

सूर्य नमस्कार एक प्रकार की शारीरिक की जाती हैं जैसा की आप जानते हैं की इसको सूर्योदय के समय किया जाता हैं और इसको 12 चरणों के तहत किया जाता हैं

इसके हर चरण को अलग-अलग तरह से किया जाता हैं| इसको पुरुष, महिला, बच्चों और हर आयु के लोग इसको कर सकते हैं| जो भी इस योग को नियमित रूप से करते हैं उनका शरीर सेहतमंद रहता हैं|

सूर्य नमस्कार के फायदें (Health Benefits of Surya Namaskar)

1. त्वचा में निखार Glowing Skin 

ये आसन त्वचा के निखार के लिए बहुत फायदेमंद हैं| क्योंकी इस आसन को करते समय शरीर में खून सही से प्रवाह होता हैं|

जिससे की त्वचा में निखार आता हैं और dark circles, झुर्रियां खत्म हो जाती हैं | इसके अलावा सिर के बाल भी स्वस्थ काले और मजबूत होते हैं|

2. शरीर को डीटाक्स करना Detox Body - 

सूर्य नमस्कार करने से समय हम साँस को अन्दर बाहर करते हैं जिससे हवा आपके फेफड़ों तक और ऑक्सीजन खून तक पहुंचती है| 

शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गसें बाहर निकल जाती हैं और आपका शरीर डिटॉक्स हो जाती हैं|

3. बेहतर पाचन तंत्र Healthy Digestive System - 

सभी कमजोर पाचन तंत्र वालों को ये आसन जरुर करना चाहिए, क्योकि इसको करने से पचाने की क्रिया में मजबूती मिलती हैं और इससे गैस की समस्या से भी राहत मिलता है. जिनका भी पाचन तंत्र कमजोर है उन्हें ये जरुर करना चाहिए|

4. भूख ना लगना Loss of Appetite - 

अगर आप भी भूख न लगाने से परेशान हैं तो इस योग को करने से आपको भूख न लगने की समस्या से लाभ मिलेगा| इससे आपकी बुद्धि-शक्ति भी बढती हैं|

5. मासिक धर्म के लिए लाभदायक Regular Menstrual Cycle - 

जिन महिलाओं को समय पर मासिक धर्म नहीं आता और उन दिनों पेट में बहुत दर्द रहता हैं ।
उनके लिए सूर्य नमस्कार बहुत ही कारगर हैं| केवल यही नहीं इस आसन को करने से प्रेगनेंट स्त्रियों के डिलेवरी के समय ज्यादा परेशानी भी नहीं होती हैं|

6. जोड़ों व मांसपेशियों में मजबूती Helps Strengthen Muscles and Joints - 

प्रतिदिन इस योग को करने से आपकी मांसपेशियां और हड्डियां भी ताकतवर होती हैं. इसके साथ-साथ गर्दन, हाथ और पैर भी मजबूत हो जाते हैं|

7. मोटापा कम करें Lose Weight - 

आजकल मोटापा कई लोगों की बहुत बड़ी समस्या बन चुकी हैं क्योकि मोटापा एक बार आता है तो आसानी से जाता नहीं हैं| 

अगर रोजाना सूर्य नमस्कार करें, तो आप अपने वजन को कम कर सकते हैं और अपने शरीर को फिट बना सकतें हैं.

8. मानसिक तनाव Mental Stress - 

सूर्य नमस्कार करने से हमारा नर्वस सिस्टम शांत रहता हैं केवल इतना ही नही एंडोक्राइन लैंड्स खासकर थायरायड ग्लैंड्स की क्रिया नॉर्मल होती हैं| इससे मानसिक तनाव की समस्या खत्म हो जाती हैं.

9. इन बिमारियों से मिले राहत-  

ब्लड शुगर,  चिंता,  गुर्दे से जुडी बिमारियों से परेशान लोग इसको प्रतिदिन इस आसन को करें, तो वो इन प्रकार की बीमारियों से छूटकारा मिल सकता हैं और अपने-आप को स्वस्थ्य रख सकते हैं.

सूर्य नमस्कार कैसे करें 12 Poses Name and Information

1.  प्रणाम आसन- 

सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएँ और अपने दोनों हांथों, एडियों को जोड़ लें, नमस्कार मुद्रा में अब ऑंखें बंद करके एक गहरी साँस लें और कंधों को ढीला रखें. फिर साँस छोड़ते हुए प्रणाम मुद्रा लें.

फायदे- मन की एकाग्रता बढती हैं और शरीर को आराम मिलता हैं.

2.  हस्त उत्तानासन- 

दोनों हाथों को ऊपर की ओर साँस लेते हुए सीधा करें, इसके बाद भुजाओं को कानों के साथ जोड़कर हांथों को गर्दन के पीछे ले जाएँ| इसी स्थिति में अपने शरीर को ऊपर की ओर खीचें|

फायदें- शास्त्र, कंधें, छाती व गर्दन के लिए लाभदायक.

3. उत्तानासन- 

श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें. दोनों हाथों को पंजो के पास जमीन पर रखें|

फायदें- पाचन प्रक्रिया सही होती हैं, शरीर में स्फुर्ती बढती हैं| आपके ग्लैंड्स को उत्तेजित करता हैं.

4. अश्व संचालन आसन- 

इस आसन को करने दौरान बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएँ| छाती को खीचकर आगे की ओर तानें गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं | अपने चहरे को ऊपर की ओर ले जाएँ, इस स्थिति में कुछ देर रुके रहें|

फायदें- गुर्दे और यकृत के कार्य में सुधार लाएं, साथ ही घुटने को मजबूत करें|

5. दंडासन- 

साँस को छोड़ते हुए दायें पैर को भी पीछे ले जाएँ| दोनों पैरों की एडियाँ परस्पर मिली हुई हों. इसके बाद कमर का हिस्सा ऊपर की ओर, सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और जितना समय हो सके इसी अवस्था में रुकें| फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाएँ|

फायदा- हमारे मस्तिष्क के कोशिकाओं को शांत करने में लाभदायक. मांसपेशियों व रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करता हैं|

6. अष्टांग नमस्कार- 

श्वास भरते हुए ज़मीन पर लेट जाएँ, और पहले घुटने, छाती और माथा पृथ्वी पर लगा दें| धीरे-धीरे कमर को ऊपर की ओर उठाए, श्वास छोड़ दें| लेकीन याद रखें की इस दौरान छाती और ठुड्डी जमीन से ही सटी रहनी चाहिए|

फायदें- दिल के लिए लाभदयक, रक्तचाप को सही करने में सहायक|
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7. भुजंगासन- 

इसमें आपको शरीर का उपरी हिस्सा जमीन से उठा रहता है और बाकी का हिस्सा जमीन पर, गर्दन को उठायें और ऊपर की ओर देखें| शरीर को हांथों की सहायता से ऊपर उठाएं.

फायदा- कंधों,पाचन में सुधार|
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8. आधोमुक्त स्वानासन (पर्वत आसन)- 

इस आसन में आपको दोनों हाँथ व पैर को जमीन पर रखें और कमर को उपर की ओर उठाएं| पूरे शरीर का वजन हांथों और पैरों पर होता हैं|
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9. अश्व संचालनासन- 

सबसे पहले श्वास को भरते हुए बाएँ पैर को पीछे ले जाएँ| छाती को खीचकर आगे की लाएं, गर्दन को अधिक पीछे  झुकाएं पैर पूरा तना हुआ पीछे की तरफ इस स्थिति में कुछ समय रुकें|
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10. उत्तानासन- 

श्वास को धीरे-धीरे बहार निकलते हुए आगे की ओर झुकाएँ| हाँथ गर्दन के साथ, कानो से सटे हुए  नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी को छुएँ|
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11. हस्त आसन- 

दोनों हांथों को कानो से सटाते हुए श्वास भरे ऊपर की ओर खीचें और भुजाओं को पीछे की ओर झुकाएँ|

12. ताड़ासन (प्रणामसन)- 

यह पहली स्थिति की भांति रहेगी सूर्य नमस्कार की उपरोक्त स्थितियां हमारे शरीर की सभी विकृतियों को दूर करके निरोग बना देती हैं|


सूर्य नमस्कार करने की सावधानियां - Precautions for Surya Namaskar

  1.  ध्यान रखें की सूर्य नमस्कार उचित समय और धीमी गति से करे| अधिक गद्देदार मैट या फिर बिस्तर पर यह आसन न करें. इससे आपकी रीढ़ की हड्डी में दिक्कत हो सकती है.
  2. सबसे पहले इसे अच्छे से सीखें फिर सावधानी के साथ करें, आपको पता होना चाहिए की कब साँस लेना है किस समय छोडनी है या फिर योग सिखाने वालें संपर्क कर लें.
  3. सबसे महत्वपूर्ण बात, इस आसन को मासिक धर्म के समय महिलाओं को नहीं करने की सलाह दिया जाता हैं, इस लिए इन दिनों महिलाओं को इसे नहीं करना चाहिए.
  4. हाई ब्लड प्रैशर के मरीजों को भी ये योग नहीं करना चाहिए.
  5.  इस योग को करने के बाद कम से कम 10-15 मिनट रुक कर तब नहाने को जाएं.
  6. सूर्य नमस्कार योगासनों में सबसे सर्वश्रेष्ठ हैं| इससे हमारा शरीर स्वस्थ और तेजस्वी हो जाता हैं.

सूर्य नमस्कर का समय

  1. सभी को पता ही है की, इस योग को करने का सही समय सुबह का होता है इस लिए आप इस व्यायाम को खाली पेट सुबह के 8 बजे से पहले ही कर लें.
  2. आपका मुख सूर्य भगवन के सामने होना चाहिए| धीरे-धीरे व्यायाम को करें.
  3. सूर्य नमस्कार महिलाओं, पुरुष, बाल, युवा, एव वृद्धों के लिए भी बहुत उपयोगी बताया गया है.
लाभ- जो लोग प्रतिदिन सूर्य योग करते हैं, उनकी आयु, बल, वीर्य और तेज बढ़ता हैं. गर्दन, फेफड़े, चर्बी घटता हैं पसलियों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.


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